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Poem on Diwali in Hindi-पढ़िए दिवाली पर कविता हिंदी में

Diwali Poem in Hindi: पूरे भारत में दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाएगा . इस दिन हम सभी लोग अपने घर में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा विधि विधान से करते हैं ताकि उनकी विशेष कृपा हमारे ऊपर बनी रहे ऐसे में अगर आप एक छात्र हैं और आप दीपावली पर बेहतरीन कविता देखना चाहते हैं लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि आप दीपावली के ऊपर कैसे एक अच्छी कविता लिख सकते हैं तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पर आ गए हैं क्योंकि यहां पर हम आपको बताएंगे कैसे आप Diwali Kavita हिंदी में लिख सकते हैं .अगर आप पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे पोस्ट पर आखिर तक बनी रहे हैं चलिए शुरू करते हैं-

Happy Diwali Poem 2023 in Hindi

दीपों का त्योहार दीवाली
खुशियों का त्योहार दीवाली।
वनवास पूरा कर आये श्रीराम
अयोध्या के मन भाये श्रीराम।
घर-घर सजे , सजे हैं आँगन
जलते पटाखे, फ़ुलझड़ियाँ बम।
लक्ष्मी गणेश का पूजन करें लोग
लड्डुओं का लगता है भोग।
पहनें नये कपड़े, खिलाते है मिठाई
देखो देखो दीपावली आई।

प्रदुषण मुक्त दिवाली पर कविता

हर घर दीप जग मगाए तो दिवाली आयी हैं,
लक्ष्मी माता जब घर पर आये तो दिवाली आयी हैं!
दो पल के ही शोर से क्या हमें ख़ुशी मिलेंगी,
दिल के दिए जो मिल जाये तो दिवाली आयी हैं!
घर की साफ सफ़ाई से घर चमकाएँ तो दिवाली आयी हैं,
पकवान – मिठाई सब मिल कर खाएं तो दिवाली आयी हैं!
फटाकों से रोशनी तो होंगी लेकिन धुँआ भी होंगा,
दिए नफ़रत के बुज जाएँ तो दिवाली आयी हैं!
इस दिवाली सबके लिए यही सन्देश हैं की
इस दिवाली हम लक्ष्मी का स्वागत दियों के करे,
फटाकों के शोर और धुएं से नहीं
इस बार दिवाली प्रदुषण मुक्त मनायेंगे!


Diwali Ka Tyohaar Aaya Poem in Hindi

Diwali Ka Tyohaar Aaya Poem in Hindi

दीपावली का त्योहार आया,
साथ में खुशियों की बहार लाया।

दीपको की सजी है कतार,
जगमगा रहा है पूरा संसार।

अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया,
दीपावली का त्योहार आया।

सुख-समृद्धि की बहार लाया,
भाईचारे का संदेश लाया।

बाजारों में रौनक छाई,
दीपावली का त्योहार आया।

किसानों के मुंह पर खुशी की लाली आयी,
सबके घर फिर से लौट आई खुशियों की रौनक।

दीपावली का त्यौहार आया,
साथ में खुशियों की बहार लाया।

दीप पर्व Kavita on Diwali

है दीप पर्व आने वाला
हमको भी दीप जलाना है
मन के अंदर जो बसा हुआ
सारा अंधियार मिटाना है

हम दीप जला तो लेते हैं
बाहर उजियारा कर लेते
मन का मंदिर सूना रहता
बस रस्म गुजारा कर लेते

इस बार मगर कुछ नया करें
अंतस का दीप जगाना है

बाहर का अंधियार मिटा
फिर भी ये राह अबूझी है
जब तक अंतर्मन दीप बुझा
देवत्व राह अनबूझी है

सद्ज्ञान राह फैलाकर के
सारा मानस चमकाना है
है दीप पर्व आने वाला।

दीपावली की कविता

दिवाली मंगल कामना है,
मंगल की दीप दिवाली है,
रोशन की ये थाली है,
ये घर की रखवाली है,
इसकी महिमा न्यारी है,

अंधियारे को दूर भगाओ
दिवाली के दीप जलाओ
दिवाली का ये अखंड दीप
इससे मिलती लक्ष्मी नजदीक

रात की बारह बजते है,
सब मिल लक्ष्मी की पूजा करते है,
रात की काली माया को
दीपक उजाला बनाता है,

लड्डू और पेड़ खाएँगे,
सब को ये बतलाएँगे
दीपक फिर जलाएँगे,
घोर अँधेरा भगाएँगे.

Deepawali Poem in Hindi

रोशनी का त्यौहार दिवाली

दीपो का श्रृंगार दिवाली

खुशियों की बहार दिवाली

सबके मन में है, दिवाली

चौदह वर्ष की किया वनवास

लौटकर आए घर को श्रीराम

अयोध्या के मन को भा गए राम.

घर सजे सजे सब आँगन

सज गए सब बाजार

पटाके, फुलझड़िया और बम्ब

सबके मन को करता तंग

एक के मिलता एक बेसंग

पहन-पहनकर नए कपडे सब

आए त्यौहार मनाने को

देखो आई है, दिवाली ये

गीत सभी को गाने को

दिवाली पर छोटी सी कविता

दिवाली आई दिवाली आई
सब बच्चो के मन को भाई
किसी ने छोड़े खूब फटाखे
किसी ने खाई खूब मिठाई.

दीवाली आई, दिवाली आई
गम के अंधेरो से घबराना मत
ज्ञान का दीपक जलाए रखना
उम्मीद की किरण दिल में जगाए रखना
अँधेरे से घबराना मत.

ज्ञान का दीप जलाए रखना
अँधेरे पर उजाले का पैगाम लाइ है
दीवाली आई दीवाली आई
बच्चो घर को साफ़ रखो
गंदगी न रहने पाए आस-पास
स्वच्छता में ही महालक्ष्मी करती निवास
दीपावली की सबकों हार्दिक है बधाई
दीवाली आई दीवाली आई
सब बच्चो के मन को भाई

Happy Diwali Love Poem in Hindi Lyrics

अंधेरे बहुत है मेंरी जिंदगी में
तारे दिल मैं कोई जोत जलना चाहते हैं,
क्या करूंगा जलाकर दिये,
जब तेरे इश्क से दिल रोशन कर लिया हैं,
तेरे साथ हर दिन दीपावली सा लगता हैं,
बिन तेरे ये भी खाली सा लगता हैं
लो दीपावली भी आ गयी पर खुशिया कहा हैं,
कुछ है भी या कुछ भी नही हैं,
पर हां बाहार शोर बहुत हैं,
एक दीप तेरे नाम का हमेशा जलता रहेगा,
ये मेरी दीपावली कभी खत्म नही होगी
दिल जलाओ या दिए आखो के दरवाजे पर,
वक्त से पहले तो आते नही आने वाले
कल रोशन की बरसात थी,
आज फिर अँधेरी रात,
बुझते हुए दियो ने हमको भी बुझा दिया
दिल में जला के रखा है तेरी यादो का दिया,
तुम सब आज दीपावली मनाओ,
हम हर रोज दीपावली मनाते हैं
झिलमिलाते दियो की रौशनी से सजी महफिल बड़ा सताती हैं,
उसके साथ मनाए वो दीपावली मुझे
बहुत याद आती हैं।।

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