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Rain Poem In Hindi -बारिश पर कविता

वर्षा ऋतू पृथ्वी की सबसे प्यारी और खुबसुरत ऋतू मानी जाती है. यह मौसम पृथ्वी को खुबसूरत श्रृंगार प्रदान करती है. धरती पर रहने वाले मनुष्यों से लेकर, पेड़-पौधे, नदियाँ, जीव-जंतु, फसलें, आदि में एक कभी न ख़त्म होने वाली ख़ुशी का विकास होता है. इस मौसम में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छाई रहती है.

बारिश के दिनों में मोरों का नाचना, चिड़ियों को बादल के साथ उड़ना देख मन हर्ष से आनंदित हो जाता है. बाग- बगीचें फल-फुल से सज जाते है. प्रकृति अपनी श्रृंगार के बाँहों में सिमटी होती है ऐसा लगता है जैसे मानो स्वर्ग का आगमन पृथ्वी पर हुआ है. इसलिए, बारिश पर कविता के माध्यम से कुछ शब्दों की खूबसूरती बयाँ कर रहे है.

अक्सर विधालयो में छात्रों से वर्षा ऋतू पर कविता लिखवायी जाती है,इसलिए हमने यह कविताये लिखी है। इस लेख में हमने स्रवश्रेष्ठ कविताओं का संग्रह किया है। यह पोएम आपको बहुत पसंद आएगी क्यूंकि वर्षा ऋतू हमारे जीवन में अलग ही महत्व होता है जब गर्मी के बाद वर्षा ऋतू आती है तो मौसम बहुत ही सुहाना और हराभरा हो जाता है जो देखने योग्य है |

Rain Poem In Hindi -बारिश पर कविता

Short poem on rainy season in hindi बारिश के मौसम पर कविता

बारिश का मौसम है आया,

ढेर सारी खुशियाँ लाया..!

गर्मी से अब मिलेगा छुटकारा,

सभी तरफ बारिश का साया..!

गीत गूंजे ये सब के मन में,

बारिश का यह मौसम आया..!

सब नाचे आँगन में अपने,

सबको है अब भीग जाना..!

बारिश में कीचड़ में गिरना,

मम्मी से घर में डांट खाना..!

गरमा गरम भजिया है खाना,

सबके साथ गाना है गाना..!

बारिश का आनंद है लेना,

बूँद बूँद को मेहसूस है करना..!

नए नए पेड़ पौधे है लगाना,

बारिश में उसको है नहाना..!

सब तरफ हरियाली है छाये,

बारिश का जब मौसम आये..!

पंछियों की जब किलबिलाहट आये,

खुशियाँ हम सब में भर जाये..!

तितलियां जब पेड़ों पे मंडराये,

आँखों को ये सब है भाये..!

बारिश का मौसम है आया,

ढेर सारी खुशियाँ लाया..!

Short Poem On Rain

जब काले बादल आते हैं,
खूब पानी बरसाते हैं।

मोर नाच दिखाते हैं,
मेंढक खूब टरति हैं।

छाते सबके खुल जाते हैं,
बच्चे नाव तैराते हैं।

सर्दी, गर्मी या बरसात,
हमें सारे मौसम भाते हैं

बादल घिर आए – बारिश पर कविता हिंदी में

बादल घिर आए, गीत की बेला आई।
आज गगन की सूनी छाती।।

भावों से भर आई।
चपला के पावों की आहट।।

आज पवन ने पाई।
डोल रहें हैं बोल न जिनके।।

मुख में विधि ने डाले।
बादल घिर आए, गीत की बेला आई।।

बिजली की अलकों ने अंबर।
के कंधों को घेरा।।

मन बरबस यह पूछ उठा है।
कौन, कहाँ पर मेरा।।

आज धरणि के आँसू सावन।
के मोती बन बहुरे।।

घन छाए, मन के मीत की बेला आई।
बादल घिर आए, गीत की बेला आई।।

Poem on Rain in Hindi – अनोखा अहसास !

ये बारिश की बूँदें
इतना शोर क्यों मचा रही हैं?
या किसी के दिल का
हाल सुना रहीं हैं ?

अहसास जो कह ना पाए कोई,
इतना ही पावन और शीतल है,
जो मन में तूफ़ान मचा रहा है,
इन्हीं बारिश की बूँदों की तरह,
वो भी बरसाना चाहता है
पर बरस ना पता है,
गर बरसेगा तो
ऐसे ही ज़ोर से बरसेगा,
शोर मचाएगा, और अंत में
खुशी भी पाएगा!!

Poem on rain in hindi यूँ गरजे यूँ बरसे बादल–

यूँ गरजे यूँ बरसे बादल,
हवा भी ज़ोर से चलती है।

मुझे बता दो ऐ चलते बादल,
बारिश कहाँ पे रहती है ।

क्यूँ पहले तुम बादल आते,
फिर बारिश आती है,

मेरी बचपने को देखकर,
माँ मुझे ये समझती है।

ये बारिश बनती बादल से ही,
सो बादल पहले आते हैं,

इन बारिश की बूंदों से ही,
सबका मन हर्षाते हैं।

Rimjhim – Rimjhim Barish Aayi Poem in Hindi
रिमझिम रिमझिम बारिश आई,
काली घटा फिर है छाई ।।

सड़कों पर बह उठा पानी,
कागज़ की है नाव चलानी ।।

नुन्नू-मुन्नू-चुन्नू आए,
रंग-बिरंगे छाते लाए ।।

कहीं छप-छप, कहीं टप-टप,
लगती कितनी अच्छी गपशप ।।

रिमझिम बारिश की फौहारें,
मन को भातीं खूब बौछारें ।।

बारिश की यह मस्ती है,
हो चाहे कल छुट्टी है ।।

बारिश आने से पहले | Rain Poems In Hindi

बारिश आने से पहले
बारिश से बचने की तैयारी जारी है
सारी दरारें बन्द कर ली हैं
और लीप के छत, अब छतरी भी मढ़वा ली है
खिड़की जो खुलती है बाहर
उसके ऊपर भी एक छज्जा खींच दिया है
मेन सड़क से गली में होकर, दरवाज़े तक आता रास्ता
बजरी-मिट्टी डाल के उसको कूट रहे हैं !
यहीं कहीं कुछ गड़हों में
बारिश आती है तो पानी भर जाता है
जूते पाँव, पाँएचे सब सन जाते हैं

गले न पड़ जाए सतरंगी
भीग न जाएँ बादल से
सावन से बच कर जीते हैं
बारिश आने से पहले
बारिश से बचने की तैयारी जारी है !!

Rain Poem:- Barish (Rain) ka Mausam Aaya Poem in Hindi

बारिश का मौसम है आया ।

हम बच्चों के मन को भाया ।।

‘छु’ हो गई गरमी सारी ।

मारें हम मिलकर किलकारी ।।

काग़ज़ की हम नाव चलाएँ ।

छप-छप नाचें और नचाएँ ।।

मज़ा आ गया तगड़ा भारी ।

आँखों में आ गई खुमारी ।।

गरम पकौड़ी मिलकर खाएँ ।

चना चबीना खूब चबाएँ ।।

गरम चाय की चुस्की प्यारी ।

मिट गई मन की ख़ुश्की सारी ।।

बारिश का हम लुत्फ़ उठाएँ ।

सब मिलकर बच्चे बन जाएँ ।।

रिमझिम रिमझिम बारिश आई

रिमझिम रिमझिम बारिश आई
काली घटा फिर से छाई
नदी सी सड़क लबालव पानी
मुझे कागज की नाव चलानी
चुन्नु मुन्नु घर पर आए
रंग बिरंगे छाते लाए
कभी छप छप कभी थप थप
अच्छी लगती मुझको टप टप
सावन के घर न्यौता दे आई
ढेरों खुशियाँ फिर से लाई
रिमझिम रिमझिम बारिश आई
काली घटा फिर से छाई

Rain Pome in Hindi सावन

रिमझिम रिमझिम आये सावन,
भीगे धरती भीगे गगन।
धीरे धीरे हो के मगन,
नाचे मोर घर आँगन।
बरसात में बने पुढे पकौड़े,
संग इसके चाय की चुस्की में मज़े।
आओ सब नाचे गाये,
सावन की पहली मेघा की ख़ुशी मनायें।
खेत खलियान होंगे हरे भरे,
फैलेगी फ़सल खूब ,अनाज होंगे भरे भरे अनुष्का सूरी

Barish Poem In Hindi

हवा चली जब सर्र-सर्र,

काले-काले बादल छाए

बूंदों की सवारी लाए।

बूंद पड़ी जब टप-टप,

बच्चे खेले छप-छप,

पानी भरा है गांव गली,

बच्चों की अब नाव चली।

धरती दिखती हरी भरी,

लगती सबको सोनपरी,

निकले छाता रेनकोट,

कीचड़ में सब लोटपोट।

जुगनुओं की सजी बारात

खुशी मनाओ आई बरसात

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