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Motivational Poem in Hindi -10 + जोश भरने वाली मोटिवेशनल कविताएँ

If you are looking for the best Motivational Poems in Hindi, then you are at the right place here we have the best collection of Motivational Poems In Hindi | प्रेरणादायक हिन्दी कविताएँ. Read these Inspirational Poems to get some Motivation in Your Life. I hope you like these Motivational Poems In Hindi.

मित्र , व्यक्ति अपने जीवन की असफलताओं से टूटकर जब निराशा की गर्त में जाने लगता है । जीवन संघर्षों में अपने को बिखरा हुआ महसूस करने लगता है, तब मानव सभ्यता के महान विभूतियों ने जो अपनी भावनाओं(motivational hindi poem) को अपने शब्दों में उकेरा है, उस शब्दचित्र को (प्रेरक हिन्दी कविता) पढ़ने का, उस से गुजरने का एक अलग ही अनुभव और आनंद होता है ।

मोटिवेशन देने वाली हजार बातों की तुलना चार लाइनों की प्रेरणा देने वाली कविता ज्यादा असरदार होती है। कविता गागर में सागर के समान होती है। कविता इतनी असरदार इसलिए भी होती है क्योंकि उसमें मन के भावों को व्यक्त करने की अद्भुत क्षमता होती है। इसके अलावा यह भी कहा जा सकता है कि कविता में लय होने की वजह से आसानी से याद हो जाती है।

1 # Motivational Poem in Hindi -अग्निपथ

वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु स्वेद रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ

2 # Motivational Poem in Hindi मानव जब ज़ोर लगाता है

सच है, विपत्ति जब आती है,कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नही विचलित होते,क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं
मुँह से न कभी उफ़ कहते हैं,

संकट का चरण न गहते हैं,जो आ पड़ता सब सहते हैं,
उद्योग-निरत नित रहते हैं,शूलों का मूल नसाते हैं,
बढ़ खुद विपत्ति पर छाते हैं।
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके आदमी के मग में?

खम ठोक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़,
मानव जब ज़ोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।

गुण बड़े एक से एक प्रखर,है छिपे मानवों के भीतर,
मेंहदी में जैसे लाली हो,वर्तिका-बीच उजियाली हो,
बत्ती जो नही जलाता है,रोशनी नहीं वह पाता है।
मानव जब ज़ोर लगाता है…

3 # Motivational Poem in Hindi – कोशिश कर सफलता कविता

कोशिश कर हल निकलेगा
आज नहीं तो कल निकलेगा
अर्जुन के तीर सा सध
मरुस्थल से भी जल निकलेगा
मेहनत कर पौधों को पानी दे
बंजर जमीन से भी जल निकलेगा
ताकत जुटा हिम्मत को आग दे
फौलाद का भी बल निकलेगा
जिन्दा रख दिल में उम्मीदों को
गरल के समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा
कोशिश जारी रख कुछ कर गुजरने की
जो है आज थमा थमा सा चल निकलेगा

4 # Motivational Poem in Hindi- सफलता की कहानी

एक कहानी सुनो सफलता की,
बात नहीं है यह सिर्फ ये एक मानव की,

इतिहास वही हमेशा रचते हैं,
जो अपनी जिंदगी में धक्के खाते हैं,
तपती धूप में खुद को तपते हैं,
सर्द रातों में खुद को जमाते हैं,

सफलता उसी को मिलती है जो,
मुश्किलों में भी सेयुम रखते हैं,
मजबूरियों की कठिनाई जो झेलते हैं,
वह ही एक दिन अपने हुनर की चादर सीते हैं,

कुम्हार मिटटी को पीट का घड़ा बनता है,
फिर उसको तपती भट्टी में पकता है,
हमारा जीवन जिसमें मिलती जिसको ठोकर,
उसी इंसान को मिलती सफलता की मोहर,

जब तक पत्थर पर हथोड़े की चोट नहीं पड़ती,
तब तक पत्थर भी भगवान् नहीं बनता,
ज़िंदगी जीना बहुत मुश्किल होती है,
बिना संघर्ष के कोई महान नहीं बनता,

सफलता कभी एक दिन में नहीं मिलती है,
अगर ठान लो तोह एक दिन जरूर मिलती है,
सफलता पाने के लिए तरीकों को बदलो,
परन्तु कभी भी अपनी मंजिल को न बदलो,

5 # Motivational Poem in Hindi- हल निकलेगा

कोशिश कर, हल निकलेगा
आज नहीं तो, कल निकलेगा.
अर्जुन के तीर सा सध
मरूस्थल से भी जल निकलेगा.
मेहनत कर, पौधों को पानी दे
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा.

ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे
फ़ौलाद का भी बल निकलेगा
जिंदा रख, दिल में उम्मीदों को
गरल के समंदर से भी गंगाजल निकलेगा.
कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की
जो है आज थमा-थमा सा, चल निकलेगा

6 # Motivational Poem in Hindi-मंजिल

जिन राहों पर दुश्मनों की निगाह होती है,
वो राहें ही हमारे लिए सर्वोपरि होती हैं !
मुश्किलों के राह मे चलने के कारण,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!

लोगों को कुछ पाने की तड़प होती है,
पर उनकी ये ख्वाब पूरी नहीं होती है!
चूंकि उनके जीवन में आलस्य होती हैं,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!

बीते हुए समय कभी नहीं लौटते हैं,
उन राहों में अपने भी खो जाते हैं!
फूलों और कांटों के ऊपर बनी,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!

काबिलियत से ही लोगों की पहचान होती है,
कर्मों से ही सपने स्वीकार होती हैं!
उन सब कर्मों को आज का अभी करें क्योंकि,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!

7 # Motivational Poem in Hindi- क्यों रोता है तू उस वक्त के लिए

क्यों रोता है तू उस वक्त के लिए
जिस वक्त ने तुझे तोड़ दिया।
तुझ जैसे परिंदे को
जमीन पर लाकर छोड़ दिया।

तू उठ और अपनी किस्मत खुद लिख
बता उस खुदा को की।
उसके कलमो से ज्यादा
तेरी कर्मों में ताकत है।

तेरी कर्मों की ताकत ने
उसके कलमों का रुख मोड़ दिया।
तूने नसीब की लकीरों पर
अपनी कामयाबी की छाप छोड़ दिया।

क्यों कहूं कि हर रोज तू
अपना एक दिन खोता जाता है।
मैं तो कहता हूं रोज तू
एक नया इतिहास लिखता जाता है।

8# Motivational Poem in Hindi – हिमालय

खड़ा हिमालय बता रहा है
डरो न आंधी पानी में।
खड़े रहो तुम अविचल होकर
सब संकट तूफानी में।

डिगो ना अपने प्रण से‚ तो तुम
सब कुछ पा सकते हो प्यार‚
तुम भी ऊंचे उठ सकते हो
छू सकते हो नभ के तारे।

अचल रहा जो अपने पथ पर
लाख मुसीबत आने में‚
मिली सफलता जग में उस को
जीने में मर जाने में।

9# Motivational Poem in Hindi-एक हिन्दी काव्य संग्रह

कर्मपथ पर तुमको बढना है वीरों जैसा,
राह में मुश्किल आनी है,
धीरज हो मुनियों जैसा।
ठोकर लगनी निश्चित है,
तुम तब भी अडिग रहो पर्वत जैसे।
चाहे शेर जैसा प्रतिद्वन्दी हो,
तुम निडर रहो योद्धा जैसे।

पुरूषार्थ को तुम साधलो,
दिन हो या रात हो,
चाहे ना कोई साथ हो,
तब भी नदी से तुम अविरल बहो।

संकल्प की मजबूत एक डोर हो,
जिससे तुम बन्धे रहो।
ज्ञान को तुम सहेज लो,
उग्र तुम बनो नहीं।

कर्म योनी में जन्म लिया,
कर्म योगी बने रहो।
लक्ष्य पर बने रहो,
लक्ष्य भेदते रहो।

10# Motivational Poem in Hindi- Sapno Ki Uddan Bharo

“सपनों में उड़ान भरो”

कुछ काम करो,
न मन को निराश करो
पंख होंगे मजबूत,
तुम सपनों में साहस भरो,
गिरोगे लेकिन फिर से उड़ान भरो,
सपनों में उड़ान भरो।

तलाश करो मंजिल की,
ना व्यर्थ जीवनदान करो,
जग में रहकर कुछ नाम करो,
अभी शुरुआत करो,
सुयोग बीत न जाए कहीं,
सपनों में उड़ान भरो।
समझो खुद को,
लक्ष्य का ध्यान करो,
यूं ना बैठकर बीच राह में,
मंजिल का इंतजार करो,
संभालो खुद को यूं ना विश्राम करो,
सपनों में उड़ान भरो।

उठो चलो आगे बढ़ो,
मन की आवाज सुनो,
खुद के सपने साकार करो,
अपना भी कुछ नाम करो,
इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करो,
सपनों में उड़ान भरो।

बहक जाएं गर कदम,
तो गुरु का ध्यान करो,
तुम पा ना सको ऐसी कोई मंजिल नहीं,
हार जीत का मत ख्याल करो,
अडिग रहकर लक्ष्य का रसपान करो,
सपनों में उड़ान भरो।

11# Motivational Poem in Hindi – तुम चलो तो सही

राह में मुश्किल होगी हजार,
तुम दो कदम बढाओ तो सही,
हो जाएगा हर सपना साकार,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।

मुश्किल है पर इतना भी नहीं,
कि तू कर ना सके,
दूर है मंजिल लेकिन इतनी भी नहीं,
कि तु पा ना सके,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
एक दिन तुम्हारा भी नाम होगा,
तुम्हारा भी सत्कार होगा,
तुम कुछ लिखो तो सही,
तुम कुछ आगे पढ़ो तो सही,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।

सपनों के सागर में कब तक गोते लगाते रहोगे,
तुम एक राह चुनो तो सही,
तुम उठो तो सही, तुम कुछ करो तो सही,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।

कुछ ना मिला तो कुछ सीख जाओगे,
जिंदगी का अनुभव साथ ले जाओगे,
गिरते पड़ते संभल जाओगे,
फिर एक बार तुम जीत जाओगे।

तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।

12# Motivational Poem in Hindi-तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

आज सिन्धु ने विष उगला है
लहरों का यौवन मचला है
आज हृदय में और सिन्धु में
साथ उठा है ज्वार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

लहरों के स्वर में कुछ बोलो
इस अंधड़ में साहस तोलो
कभी-कभी मिलता जीवन में
तूफानों का प्यार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
यह असीम, निज सीमा जाने
सागर भी तो यह पहचाने
मिट्टी के पुतले मानव ने
कभी न मानी हार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

सागर की अपनी क्षमता है
पर माँझी भी कब थकता है
जब तक साँसों में स्पन्दन है
उसका हाथ नहीं रुकता है
इसके ही बल पर कर डाले
सातों सागर पार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

13# Motivational Poem in Hindi-दिन जल्दी-जल्दी ढलता है

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
हो जाय न पथ में रात कहीं,
मंज़िल भी तो है दूर नहीं
यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ों से झाँक रहे होंगॆ
यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊँ किसके हित चंचल?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

14# Motivational Poem in Hindi- वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो

हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे
ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं

वीर तुम बढ़े चलो।
धीर तुम बढ़े चलो।।

सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो
तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं

वीर तुम बढ़े चलो।
धीर तुम बढ़े चलो।।

प्रात हो कि रात हो संग हो न साथ हो
सूर्य से बढ़े चलो चन्द्र से बढ़े चलो

वीर तुम बढ़े चलो।
धीर तुम बढ़े चलो।।

एक ध्वज लिये हुए एक प्रण किये हुए
मातृ भूमि के लिये पितृ भूमि के लिये

वीर तुम बढ़े चलो।
धीर तुम बढ़े चलो।।

अन्न भूमि में भरा वारि भूमि में भरा
यत्न कर निकाल लो रत्न भर निकाल लो

वीर तुम बढ़े चलो।
धीर तुम बढ़े चलो।।

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