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Mothers Day Poem in Hindi – माँ पर कविता हिन्दी में

मदर डे यानि की मातृ दिवस यह दिन सभी माँ के लिए बहुत ही ख़ास होता है इस दिन उनके बच्चे उनके लिए एक सरप्राइज प्लान करते है इसीलिए यह दिन महत्वपूर्ण होता है | मदर डे के लिए कई कवियों द्वारा बेहतरीन कविताये लिखी है जो की आप अपनी माँ को सुना सकते व उसे फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर शेयर भी कर सकते है | दोस्तों माँ से ज्यादा इस संसार में हमें और कोई प्रेम नहीं कर सकता हैं. माँ का प्रेम निस्वार्थ होता हैं. हर साल मई के दुसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता हैं. इस दिन माँ के सम्मान में सभी माँ के लिए कविता समर्पित करते हैं. आइये अब हम आपको mother’s day poem short, मदर्स डे पर निबंध, mother’s day poem from a child, mother’s day poem in marathi, मदर डे स्पीच इन स्कूल इन हिंदी, mother day poem in punjabi language, Mother Day Quotes in Hindi, mother’s day poem in urdu, mother’s day poem for preschoolers कक्षा class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो के लिए जानकारी देते है|

मदर्स डे पर पूरी जानकारी हिंदी में (Mother’s Day in Hindi)

उत्सव का नाम मातृ दिवस [मदर्स डे]
कब मानाया जाता हैं मई माह के दूसरे रविवार [अमेरिका एवं भारत] अन्य देशों अलग अलग तिथी हैं
पहली बार कब मनाया गया 1908
किसने पहली बार मनाया अमेरिका
अनुसरण करने वाले देश 40 से अधिक देश

मदर्स डे क्यों मनाया जाता है एवं उसका उद्देश्य क्या है 

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य माताओं का सम्मान करना एवं उन्हें विशेष अनुभव कराते हुए उनका आपके जीवन में कितना महत्व है, यह दर्शाना है.

मदर्स डे के लिए नारे (Mother’s Day Slogans)

आज मदर्स डे के मौके पर अपनी माँ को ये दिखाओ कि आप उनसे कितना प्यार करते हों.

मदर्स डे – एक दिन अपनी माँ को यह बताने के लिए कि आप भी उनकी देखभाल करते हैं.

आपको आपकी जिंदगी आपकी माँ से मिली है, उनसे प्यार करो.

आपकी माँ आपसे बिना किसी शर्त के प्यार करती है, बदलें में वो भी यही चाहती है.

आज अपनी माँ पर प्यार की बरसात करो, यह मदर्स डे है.

आप अपने प्यार से माँ को चमकने दो.

कोई भी आपको उनकी तरह प्यार नहीं कर सकता है, क्योकि वो आपकी प्यारी माँ है.

वे आपके लिए बहुत मायने रखती है – यह उन्हें इस मदर्स डे पर कहों.

इस विशेष दिन को अपनी माँ के साथ मनाओ, यह मदर्स डे है.

अपनी माँ को अपने प्यार से लपेटो, क्योकि यह मदर्स डे है.

Mothers Day Poem in Hindi – मेरी माँ

मेरी माँ है वो जो मुझे हसाती-दुलारती,

त्याग और मेहनत से मेरे जीवन को सवारती।

चाहे वह खुद सो जाये भूखे पेट,

लेकिन मुझे खिलाती है भरपेट।

उसकी ममता की नही है कोई सीमा,

उससे सीखा है मैने यह जीवन जीना।

मेरा सुख ही उसका सुख है,

मेरा दुख ही उसका दुख है।

रहती है उसे सदा मेरे तरक्की की अभिलाषा,

अब मैं भला क्या बताउ माँ की परिभाषा।

मेरे जीवन के संकट रुपी धूप से वह टकराती है,

मेरे संकट परेशानियों में वह मातृ छाया बन जाती है।

वह है मेरे हर चिंता को दूर करने वाली,

वाकई में मेरे लिये मेरी माँ है सबसे निराली।

Best Mothers Day Poem in Hindi -क्या सीरत क्या सूरत थी

क्या सीरत क्या सूरत थी
माँ ममता की मूरत थी

पाँव छुए और काम बने
अम्मा एक महूरत थी

बस्ती भर के दुख सुख में
एक अहम ज़रूरत थी

सच कहते हैं माँ हमको
तेरी बहुत ज़रूरत थी

Best Happy Mothers Day Poem in Hindi – Heart Touching Lines

पहली बार किसी गज़ल को पढ़कर आंसू आ गए

शख्सियत ए ‘लख्ते-जिगर’, कहला न सका,
जन्नत के धनी वो पैर, कभी सहला न सका

दूध पिलाया उसने छाती से निचोड़कर,
मैं ‘निकम्मा’ कभी 1 गिलास पानी पिला न सका

बुढापे का सहारा हूँ ‘अहसास’ दिला न सका
पेट पर सुलाने वाली को ‘मखमल पर सुला न सका

वो ‘भूखी’ सो गई ‘बहू’ के ‘डर’ से एकबार मांगकर,
मैं सुकुन के दो निवाले उसे खिला न सका

नजरें उन बूढी आंखों से कभी मिला न सका
वो दर्द सहती रही मैं खटिया पर तिलमिला न सका

जो हर रोज ममता के रंग पहनाती रही मुझे
उसे दीवाली पर दो जोड़ी कपड़े सिला न सका

बिमार बिस्तर से उसे शिफा दिला न सका
खर्च के डर से उसे बड़े अस्पताल ले जा न सका

माँ के “बेटा” कहकर दम तोड़ने के बाद से अब तक सोच रहा हूँ,
दवाई, इतनी भी महंगी न थी कि मैं ला ना सका….

Poems in Hindi on Mother

शख्सियत, ए ‘लख्ते-जिगर’, कहला न सका ।
जन्नत.. के धनी पैर.. कभी सहला न सका ।
दुध, पिलाया उसने छाती से निचोड़कर,
मैं ‘निकम्मा’, कभी 1 ग्लास पानी पिला न सका ।
बुढापे का सहारा.. हूँ ‘अहसास’ दिला न सका
पेट पर सुलाने वाली को ‘मखमल, पर सुला न सका ।
वो ‘भूखी’, सो गई ‘बहू’, के ‘डर’, से एकबार मांगकर,
मैं सुकुन.. के ‘दो, निवाले उसे खिला न सका ।
नजरें उन बुढी, आंखों.. से कभी मिला न सका ।
वो दर्द, सहती रही में खटिया पर तिलमिला न सका ।
जो हर रोज ममता, के रंग पहनाती रही मुझे,
उसे दीवाली पर दो जोड़, कपडे सिला न सका ।
बिमार बिस्तर से उसे शिफा, दिला न सका ।
खर्च के डर से उसे बडे़ अस्पताल, ले जा न सका ।
माँ के बेटा कहकर दम, तौडने बाद से अब तक सोच रहा हूँ,
दवाई, इतनी भी महंगी.. न थी के मैं ला ना सका ।

Mothers Day Poem in Hindi – वो है मेरी माँ

मेरे सर्वस्व की पहचान
अपने आँचल की दे छाँव
ममता की वो लोरी गाती
मेरे सपनों को सहलाती
गाती रहती, मुस्कराती जो
वो है मेरी माँ।

प्यार समेटे सीने में जो
सागर सारा अश्कों में जो
हर आहट पर मुड़ आती जो
वो है मेरी माँ।

दुख मेरे को समेट जाती
सुख की खुशबू बिखेर जाती
ममता की रस बरसाती जो
वो है मेरी माँ।

Emotional Mothers Day poem in Hindi -जीती थी बच्चों की खातिर, माँ की यही कहानी थी..

घुटनो से रेंगते रेंगते, कब पैरों पर खड़ा हुआ,
तेरी ममता की छाव में, ना जाने कब बड़ा हुआ।

काला टीका दूध मलाई, आज भी सब कुछ वैसा हैं
एक मैं ही में हूँ हर जगह, प्यार ये तेरा कैसा हैं।

सीदा-सादा, भोला-भाला, मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ, मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ।

कैसा था नन्हा बचपन वो, माँ की गोद सुहाती थी,
देख देख कर बच्चों को वो, फूली नहीं समाती थी।

ज़रा सी ठोकर लग जाती तो, माँ दौड़ी हुई आती थी,
ज़ख्मों पर जब दवा लगाती, आंसू अपने छुपाती थी।

जब भी कोई ज़िद करते तो, प्यार से वो समझाती थी,
जब जब बच्चे रूठे उससे, माँ उन्हें मनाती थी।

खेल खेलते जब भी कोई, वो भी बच्चा बन जाती थी,
सवाल अगर कोई न आता, टीचर बन के पढ़ाती थी।

सबसे आगे रहें हमेशा, आस सदा ही लगाती थी,
तारीफ़ अगर कोई भी करता, गर्व से वो इतराती थी।

होते अगर ज़रा उदास हम, दोस्त तुरन्त बन जाती थी,
हँसते रोते बीता बचपन, माँ ही तो बस साथी थी।

माँ के मन को समझ न पाये, हम बच्चों की नादानी थी ,
जीती थी बच्चों की खातिर, माँ की यही कहानी थी,
जीती थी बच्चों की खातिर, माँ की यही कहानी थी..।।

happy Mothers day poem in Hindi – Tum Maa

सफर के मुसाफिर की मानिंद
ढोती रही रिश्तो का बोझ
पिरोती गई एक-एक मनका
सुई के नुकीले सिरे से हर रोज

कि एक दिन गूँथ ही लेगी
रूपहले रिश्तो की माला
ना थकान थी, ना लगती थी प्यास
हर रिश्ता होता था खास

अब जब कैंसर की कोशिकाओं सी
चेहरे की सिलवटे बढ़ी वो
जिनकी आहट से महक था आंगन
सुलग़ उठता था चूल्हा
सोंधी हो जाती थी बयार
जब सिकती थी गर्म तवे पर नर्म रोटियां
अब करने लगे हैं किनारा
सुन बुढा खंखारा…

जुड़ते नहीं उनके हाथ
जर्जर सूत का धागा
गर फिर चाहेगा साथ
कैसे सुनेंगे बदरंग हुए
किससे और जज्बात….

बचकर नजर निकल जाते है
बेरुखी से बहाने बनाते है वो
फिर भी ख्यालों के सफर में
जोहती रहती है बाँट

दूर छिटके हुए अपनों की
क्योंकि मां है वो
उनके बिखरे हुए मनको की

Mothers day poem in Hindi short

मेरी प्यारी माँ तू कितनी प्यारी है
जग है अंधियारा तू उजियारी है
शहद से मीठी हैं तेरी बातें
आशीष तेरा जैसे हो बरसातें
डांट तेरी है मिर्ची से तीखी
तुझ बिन ज़िंदगी है कुछ फीकी
तेरी आंखो में छलकते प्यार के आंसू
अब मैं तुझसे मिलने को भी तरसूं
माँ होती है भोरी भारी
सबसे सुन्दर प्यारी प्यारी

Mothers Day Poem in Hindi

माँ भगवान का दूसरा रूप
उनके लिए दे देंगे जान

हमको मिलता जीवन उनसे
कदमो में है स्वर्ग बसा

संस्कार वह हमे बतलाती
अच्छा बुरा हमे बतलाती

हमारी गलतियों को सुधारती
प्यार वह हमपर बरसती.

तबियत अगर हो जाए खराब
रात-रात भर जागते रहना

माँ बिन जीवन है अधुरा
खाली-खाली सुना-सुना

खाना पहले हमे खिलाती
बादमे वह खुद खाती

हमारी ख़ुशी में खुश हो जाती
दुःख में हमारी आँसू बहाती

कितने खुश नसीब है हम
पास हमारे है माँ

होते बदनसीब वो कितने
जिनके पास ना होती माँ….

Maa Par Kavita

माँ जीवन ज्योति है
माँ ही तो साँसें बुनती है
माँ बिना जीवन का कल्पना अधूरा
माँ साथ है तो जीवन पूरा
माँ बिना सृष्टि अधूरा
माँ बिना हर बच्चा अधूरा
माँ है तो ममता है
माँ है तो करुणा है
माँ है तो दया है
माँ है तो जीवन संगीत है
माँ है तो मैं हूँ ।।

थैंक यू माँ

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