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Moral Stories in Hindi -नैतिक कहानियाँ बच्चों के लिए 2023

मित्रों, इस पोस्ट में हम शिक्षाप्रद कहानियाँ (“Moral Stories In Hindi”) शेयर कर रहे हैं. जीवन  कहानियों का अलग महत्व है. हमारा बचपन विभिन्न प्रकार की मनोरंजक, प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद कहानियों से गुलज़ार रहा है. वे सभी कहानियाँ सदाबहार है और हर दौर में हर उम्र के लोगों का मनोरंजन करने के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी प्रदान करती हैं. इस पोस्ट में शेयर की गई 33 शिक्षाप्रद कहानियाँ आपको अपने बचपन की याद दिलाएंगी और जो पहली बार ये कहानियाँ पढ़ रहे हैं, उन्हें जीवन मूल्य सिखा जायेंगी. पढ़िए :

शेर और चूहा (The Lion And The Mouse) – Bedtime Moral Story

हम सभी जानते हैं कि शेर जंगल का राजा होता है। एक बार एक शेर गहरी नींद में सो रहा था कि एक छोटा चूहा उसके ऊपर-नीचे दौड़ा। इसने शेर को जगा दिया। वह गुस्से में था और उसने अपने विशाल पंजे से चूहे को पकड़ लिया। फिर उसने उसे निगलने के लिए अपना बड़ा मुँह खोला। मैं आपकी दया को कभी नहीं भूलूंगा। मैं छोटा हो सकता हूं लेकिन कौन जानता है, किसी दिन मैं आपकी किसी तरह की मदद बन सकता हूं। शेर हँसा और दया करके चूहे को मुक्त कर दिया। कुछ दिनों बाद, शेर एक शिकारी के जाल में फंस गया। वह गर्जना लेकिन व्यर्थ। छोटे चूहे ने सुना और शेर की ओर भागा। तुरंत चूहे ने अपने छोटे दांतों से जाल काटना शुरू कर दिया। जल्द ही शेर मुक्त हो गया और छोटे चूहे को धन्यवाद दिया। इसके बाद, वे दोस्त बन गए।

दो प्यासे कौवे (The Two Thirsty Crow) – Moral Stories For Kids

गर्मी का दिन था। एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में भटक रहा था। लेकिन उसे कहीं पानी नहीं मिला। लगातार उड़ने के कारण वह बहुत थक गया था। गर्मी के कारण उसकी प्यास तेज हो गई। वह धीरे-धीरे धैर्य खोता जा रहा था। उसने सोचा कि उस दिन वह मर जाएगा। लेकिन वह फिर उड़ने लगा। वह अपने घर से बहुत दूर चला गया था। क्या हुआ भाई? उदास क्यों हो? मुझे लगता है कि पानी की कमी के कारण मैं फिर से उड़ान नहीं भर पाऊंगा। मेरे पंखों में कोई ताकत नहीं बची है। मैंने पानी की तलाश में कड़ी मेहनत की।

लेकिन, अब मैंने सारी उम्मीदें खो दी हैं। उम्मीद मत खोना मेरे दोस्त। हम निश्चित रूप से समाधान निकालेंगे। हमें दृढ़ रहना चाहिए। देखभाल करना। मैं कहीं और पानी ढूंढ लूंगा। कौवा और दूर उड़ गया। जब वह थक गया तो एक घर की छत पर बैठ गया। उसने कोने में एक बर्तन देखा। वह पानी मिलने की उम्मीद में बर्तन के पास गया। उसने अंदर झाँका।
वह नहीं जानता था कि अपनी प्यास बुझाने के लिए बर्तन में पानी कैसे पहुँचाया जाए। वह एक विकल्प के बारे में सोचने लगा। उसने देखा कि घड़े के पास कंकड़ पड़े हैं। उसे एक विचार आया। वह अपनी चोंच से कंकड़ घड़े में डालने लगा। कौआ थकान और प्यास से परेशान था… फिर भी वह घड़े में कंकड़ गिराता रहा। कुछ देर बाद पानी का स्तर बढ़ा। कौआ अब पानी पी सकता था।

उनकी मेहनत रंग लाई। पानी पीकर वह संतुष्ट हो गया। उस समय उसे अपने मित्र की याद आई जो प्यास से मर रहा था। वह वापस उस पेड़ के पास गया जहाँ उसने उसे आखिरी बार देखा था। पेड़ के नीचे पड़ा कौआ बेहोश था। कौवे ने अपनी चोंच में रखे पानी को दूसरे कौवे पर छिड़क दिया। कौवे को होश आया। उसने उसे बताया कि उसे पानी मिल गया है। वे धीरे-धीरे उड़कर उस स्थान पर चले गए जहाँ घड़ा था।

दूसरे कौवे ने अपनी प्यास बुझाई। धन्यवाद मेरे दोस्त। आज तुमने मेरी जान बचाई। प्यास के कारण मैं दयनीय स्थिति में था। कल से मैं तुम्हारे साथ चलूँगा। हम जानवर हमेशा एक दूसरे की मदद कर सकते हैं। जरूरत के समय हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।

Hindi Stories for Reading – मृत्यु और चंद्रमा

एक बूढ़ा व्यक्ति सड़क के किनारे-किनारे चला जा रहा था। तभी उसने देखा कि किसी मरे हुए आदमी का शरीर और मरा हुआ चंद्रमा एक तरफ पड़े हुए हैं।

उसने तमाम पशुओं को अपने आसपास इकट्ठा किया और उन्हें ललकारा, “तुममें से है कोई वीर जो चंद्रमा और इस मरे हुए आदमी की लाश को नदी के पार पहुँचा दे?”
दो कछुओं ने कहा कि वे इस काम को अंजाम दे सकते हैं। पहले कछुए के पंजे काफी बड़े थे। उसने मजबूती से चंद्रमा को उठाया और नदी के पार सुरक्षित जा पहुँचा।

दूसरा, जिसके पंजे छोटे थे, भार उठा न सका और लाश समेत नदी में डूब गया। इसी वजह से चंद्रमा मरने के बाद भी अगली रात को फिर से आता है, पर आदमी मरने के बाद कभी नहीं लौटता।

लंगड़ा कुत्ता कहानियाँ हिंदी में पढ़ने के लिए

एक व्यक्ति ने एक शक्तिशाली और वफादार कुत्ता पाल रखा था। वह अपने मालिक के घर की सावधानीपूर्वक रखवाली करता था। उसका मालिक उससे बहुत प्यार करता था और उसकी अच्छी तरह से देखभाल करता था।

एक दिन कुत्ता दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्भाग्यवश दुर्घटना में उसका पीछे का एक पैर बुरी तरह घायल हो गया। उसका घाव ठीक नहीं हुआ। अब बेचारा कुत्ता एक पैर से लंगड़ा कर चलता।
उसका मालिक भी अब उससे प्यार नहीं करता था, क्योंकि उसे लगता था कि एक लंगड़ा कुत्ता कभी भी अच्छा चौकीदार नहीं हो सकता। एक दिन कुत्ते के मालिक ने देखा कि कुत्ता बगीचे में एक नींबू के पौधे के आसपास सूँघ रहा है।

मालिक ने नींबू के पौधे के पास से मिट्टी लेकर उसका निरीक्षण किया तो पाया कि वह मिट्टी नींबू के पौधों के लिए बहुत उपजाऊ है। इसलिए उसने वहाँ पर खूब सारे नींबू के पौधे लगाए जिससे उसे बहुत अधिक लाभ हुआ।

अब मालिक अपने कुत्ते को एक बार फिर प्यार करने लगा। उसकी समझ में आ गया था कि शारीरिक रूप से अपंग कुत्ता भी उपयोगी हो सकता है।

चींटी और टिड्डा (Short story for kids in hindi)

गर्मियों के दिन थे। एक मैदान में एक टिड्डा अपनी ही मस्ती में झूम-झूम कर गाना गा रहा था। तभी उधर से एक चींटी गुजरी। वह एक मक्के का दाना उठाकर अपने घर ले जा रही थी।

टिड्डे ने उसे बुलाया और कहा, “चींटी रानी, चींटी रानी, कहाँ जा रही होघ? इतना अच्छा मौसम है… आओ बातें करें… मस्ती करें…”

चींटी ने कहा, “टिड्डे भाई, मैं सर्दियों के लिए भोजन इकट्ठा कर रही हूँ। बहुत काम पड़ा है… मुझे क्षमा कर दोए मैं बैठ नहीं सकती।”

शीघ्र ही सर्दियाँ आ गईं। टिड्डे के पास खाने के लिए कुछ नहीं था जबकि चींटी अपने इकट्ठे किए अनाज को आराम से बैठकर खा रही थी। टिड्डे को अब आभास हुआ कि कठिन दिनों के लिए उसे भी पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए थी।

दो दोस्त और भालू – Moral story in Hindi for kids

एक बार की बात है, एक गाँव में तारा और राजू दो बच्चे रहते थे दोनों एकही स्कूल में पढ़ती थी वह दोनों बहुत ही अच्छा दोस्त थे। एक दिन स्कूल में छुट्टी के कारन दोनों दोस्त एक जंगल में गये घुमने के लिए। तारा बहुत डरपोक थे वह तो जंगल में जानेसे दर रही थी।

मुझे बहुत दर लगरह है में जंगल की और अन्दर नहीं जयुंगी। तारा की बात सुनके राजू हंसी और कहा दर किस बात की में तुम्हारे साथ हूँ डरना नहीं डरते हुए तारा राजुके साथ जंगल में गया।

राजू बहुत होशियार और चालक थी उसने भालू को देखते ही जाकर एक पेड़ में चढ़ गया। तारा ने राजू को कहा मुझा भी ले चलो मुझे बहुत दर लगता है भालू से राजू तारा के बात सुना नहीं वह फलेये पेड़ पे जाकर चाद्गाये।

लू धीरे धीरे तारा के पास आकर उसे सूखने लगा। फिर कुछ मिनिटे बाद भालू उसे  मरे हुए आदमी सोचके वहा से जंगल में चली गयी।

राजू पेड़ के निचे आकर तारा से पुचा दोस्त भालू तुम्हारे कान पे काया बोल रही थी? राजू के बात सुनके तारा हासी और बताये भालू ने मरे कान पे कहा …  तुम्हारे जैसे दोस्त से दूर रहने के लिए। जो मुसीबत में छोड़ कर चले जाती है यह कहकर तारा अपनी घर चला गयी।

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