11 Best Poems On Life In Hindi And English
संघर्षमय जीवन पर कविता Poems On Life Struggle In Hindi हमारा मानव जीवन एक संघर्ष की कहानी ही हैं, जन्म से लेकर मृत्यु तक कदम कदम पर इंसान को स्ट्रगल करना पड़ता हैं. नौकरी, करियर, सफलता, विवाह और सुखी जीवन, धन दौलत सब कुछ संघर्ष के बल पर ही पाया जा सकता हैं.
सदैव कठिन परिश्रम और संघर्ष से कमाया फल मीठा होता हैं. भले ही अनेकानेक कठिनाईयां इस दौरान पेश आए मगर जीवन का असली मजा तो संघर्षशील बनकर चुनौतियों से लड़ने में हैं. इस दौरान कई बार हार भी झेलनी पड़ती है तो सही दिशा में किये परिश्रम का फल भी अति आनंददायी होता हैं.
Poems On Life In Hindi का उदेश्य आपको वैसे तथ्यों से रूबरू कराना है, जिसका सामना करने से प्रत्येक व्यक्ति परेशान हो जाता है. कवी अपने कविता यानि जीवन पर कविता के माध्यम (Best Hindi Poem on Life)से ऐसे सभी परेशानीयों का हल अपने अनुभव से उसमे अंकित किए है जिसे स्मरण कर मुश्किलों को सरल बनाया जा सकता है.
कवियों के अनुसार जीवन को सरल और ऊर्जावान बनाने के लिए खुद से संघर्ष करना पड़ता है जिसे उन्होंने अपने अनुभव से जीवन कविता के माध्यम से अपना विचार प्रस्तुत किए है जो वाकई महान कार्य करने के लिए प्रेरित करता है. उम्मीद करता हूँ हमारे रचनाकारों द्वारा रचित Jiwan par kavita (Hindi Poem on Life) आपको पसंद आएगा.
Best Poems On Life In Hindi And English
1 Hindi Poem on Life : ज़िन्दगी जीना सीखा रही थी
सोचता हूं मैं अक्सर क्या जिंदगी यही है।
सब कुछ तो है पास पर कुछ भी नहीं है
कहने को तो सारी दुनिया ही अपनी है।
पर इस दुनिया में कोई भी अपना नहीं है
रिश्ते रह गए हैं बस नाम के दुनिया में
अपना पन अब कहीं बचा ही नहीं है
जीवन में उलझन ही उलझन हैं।
क्या इनका कोई हल ही नहीं है
यहां झूठ फरेब का जोर है हर सु
क्या इंसान कुछ समझता नहीं है..
Sochta Hun mai Aksar Kya Jindagi yahi HaiSab Kuch to hai Pass Par Kuch bhi nai haiKehne to to sari Duniya Hi Apni HaiPar is Duniya mai koi bhi apna Nai haiRiste Reh Gaye bus naam ke duniya maiApna Pan ab kai bcha hi nai haiJeevan Mai Uljhan hi Uljhan HainKya Inka koi hal hi nai haiYahan Juth fereb ka jor hai har suKya Insan kuch samjhta Nai hai
2 Hindi Kavita on life values : कविता – समझ लेना
ज़िन्दगी के किसी दौर में
जब तुम खुद को अकेले पाओ,
तो खुद को चाँद समझ लेना
जो अकेले ही स्याह रातों को उजियारीत करता है….
जब मंज़िल दूर लगे
और पग पग पर भी ठोकर लगे,
तो खुद को दीवार पर चढ़ती नन्ही चींटी समझ लेना
जो सौ बार फिसलती है पर हिम्मत नही खोती है…..
जब राहों में कॉँटे ही काँटे हो
और मुश्किलों के पत्थर राह रोकें हो,
तो खुद को वो शिल्पकार समझ लेना
जो पत्थर को तराशकर ईश्वर बना दे….
जब हो रहा हो मन हताश
और विश्वास में न रहे कोई आस,
तब खुद को बच्चा समझ लेना
और हर मन को सच्चा समझ लेना..
Jindgai ke kisee daur mein
Jindgai ke kisee daur mein
Jab tum khud ko akele pao,
To khud ko chaand samajh lena
Jo akele hee syaah raaton ko ujiyaareet karata hai….Jab manzil door ho
Aur pag pag par bhee thokar lage,
To khud ko deevaar par chadhatee nanhee cheentee samajh lena
Jo sau baar slaid hai par himmat nahin khotee hai…..Jab raahon mein kaante hee kaante hon
Aur mushkilon ke patthar raah pakad ho,
To khud ko vo shilpakaar lena
Jo pattharon ko taraashakar eeshvar bana de….Jab man mein niraasha ho rahee ho
Aur vishvaas mein na rahe koee aas,
Tab khud ko samajh lena
Aur har man ko sachcha samajh lena
3 Popular Hindi Poem On Life And Death : किसी शायर ने मौत को क्या खूब कहा है…
आज सब मेरे पास बैठे जा रहे है..कोई तोहफा ना मिला आज तक,
और आज फूल ही फूल दिए जा रहे है…तरस गए थे हम किसी एक हाथ के लिए,
और आज कन्धे पे कन्धे दिए जा रहे थे…
दो कदम साथ चलने को तैयार ना था कोई,
और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे…
आज पता चला की मौत कितनी हसीन थी,
कम्बख़्त हम तो यूँ ही जिंदगी जिये जा रहे थे
Jindagee mein do minat koee mere paas na baithe
Jindagee mein do minat koee mere paas na baithe,
Aaj sab mere paas ja rahe hain..Koee tohapha na mila aaj tak,
Aur aaj phool hee phool die ja rahe hain…Laat gae the ham kisee ek haath ke lie,
Aur aaj kandhe pe kandhe die ja rahe the…Do kadam saath chalane ko taiyaar nahin tha koee,
Aur aaj kaaphila saath chale ja rahe the…Aaj pata chala ki maut kitanee haseen thee,
Kambakht ham to yoon hee zindagee jie ja rahe the
4 Best Hindi Poetry on love life : रिश्ते को विवाह का उपनाम नहीं दे पाता
वो नाम तो जोड़ता है मेरा अपने साथ,
पर इस रिश्ते को कोई नाम नहीं दे पाता।
मोहब्बत तो उसे बेइंतहा बेहिसाब है मुझसे,
पर अफसोस मोहब्बत को अंजाम नहीं दे पाता।
कहता है जान जान अक्सर तन्हाई में मुझे,
हूँ जान उसकी ये शीर्ष सरेआम नहीं दे पाता
ज़िम्मेदारियाँ है मोहब्बत के कंधों पर बहुत,
वो मिलने तो आता है पर एक शाम नहीं दे पाता।
जकड़ा है जाति-धर्म की बेड़ियों ने उसे,
मजबूरियों के लिए किसी को इल्ज़ाम नहीं दे पाता।
मन की डोर ने बांध रखा है हमें एक-दूजे से,
पर इस बंधन को वो विवाह का उपनाम नहीं दे पाता।
prem jeevan par sarvashreshth hindee kavita : rishton ko vivaah ka upanaam nahin milata
Vo naam to hai mera apane saath,
Is rishte ko koee naam nahin milata.
Mohabbat to use beintaha behisaab hai mujhase,
Par aphasos mohabbat ko anjaam nahin deta.
Main jaan-jaan baar-baar tanhaee mein kahata hoon,
Hoon jaan usaka ye sheersh sareaam nahin paata
Jimmedaariyaan hain bandhan ke lie bahut par,
Vo milane to aata hai par ek shaam nahin paata.
Jaati-dharm kee bediyon ne use jakad rakha hai,
Majabooriyon ke lie kisee ko ilzaam nahin milata.
Man ke dvaar ne baandh rakha hai hamen ek-dooje se,
Par is bandhan ko vo vivaah ka upanaam nahin milata.
5 Best Hindi Poetry: तुमसे अलग होकर लगता है, अचानक मेरे पंख छोटे हो गए हैं
तुमसे अलग होकर लगता है
अचानक मेरे पंख छोटे हो गए हैं,
और मैं नीचे एक सीमाहीन सागर में
गिरता जा रहा हूँ।
अब कहीं कोई यात्रा नहीं है,
न अर्थमय, न अर्थहीन;
गिरने और उठने के बीच कोई अंतर नहीं।
तुमसे अलग होकर
हर चीज़ में कुछ खोजने का बोध
हर चीज़ में कुछ पाने की
अभिलाषा जाती रही
सारा अस्तित्व रेल की पटरी-सा बिछा है
हर क्षण धड़धड़ाता हुआ निकल जाता है।
तुमसे अलग होकर
घास की पत्तियाँ तक इतनी बड़ी लगती हैं
कि मेरा सिर उनकी जड़ों से
टकरा जाता है,
नदियाँ सूत की डोरियाँ हैं
पैर उलझ जाते हैं,
आकाश उलट गया है
चाँद-तारे नहीं दिखाई देते,
मैं धरती पर नहीं, कहीं उसके भीतर
उसका सारा बोझ सिर पर लिए रेंगता हूँ।
6 तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
आज सिन्धु ने विष उगला है
लहरों का यौवन मचला है
आज ह्रदय में और सिन्धु में
साथ उठा है ज्वार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
लहरों के स्वर में कुछ बोलो
इस अंधड में साहस तोलो
कभी-कभी मिलता जीवन में
तूफानों का प्यार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
यह असीम, निज सीमा जाने
सागर भी तो यह पहचाने
मिट्टी के पुतले मानव ने
कभी ना मानी हार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
सागर की अपनी क्षमता है
पर माँझी भी कब थकता है
जब तक साँसों में स्पन्दन है
उसका हाथ नहीं रुकता है
इसके ही बल पर कर डाले
सातों सागर पार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार ।।
7 Zindagi Poem in Hindi – अजीब सी कशमकश है
अजीब सी कशमकश है जिंदगी की
आज क्या है और कल क्या हो जाएगी!
एक पल में बदल जाती है जिंदगी यहां
जो है राहें वो कल कहां नजर आयेंगी!
धुंधला धुंधला सा है शमा आज यहां
जो लम्हा है संग वो भी गुजर जायेगा!
पर थोड़ी उम्मीद तो अभी बाकी है।
कि ये जीवन मेरा भी संभल जाएगा!
कभी कोई तो होगा मेरा भी जीवन में
जो यहां मेरा सिर्फ मेरा कहलाएगा!
सहारा बनेगा मेरा वो इस जीवन में
मेरी जिंदगी में भी वो लम्हा आयेगा!
8 Hindi Poetry on Life – बचपन बीत गया लड़कपन में
बचपन बीत गया लड़कपन में,
जवानी बीत रही घर बनाने में,
जंगल सी हो गई है जिंदगी,
हर कोई दौड़ रहा आंधी के गुबार में।
हर रोज नई भोर होती,
पर नहीं बदलता जिंदगी का ताना बाना,
सब कर रहे हैं अपनी मनमानी,
लेकिन जी नहीं रहे अपनी जिंदगानी।
कोई पास बुलाए तो डर लगता है,
कैसी हो गई है यह दुनिया बेईमानी,
सफर चल रहा है जिंदा हूं कि पता नहीं,
रोज लड़ रहा हूं चंद सांसे जीने के लिए।
9 Life Poetry In Hindi
एक सोच अकल से फिसल गयी मुझे याद थी की बदल गयी
मेरी सोच थी की खुवाब था मेरी ज़िंदगी का हिसाब था।
मेरी जुस्तजू की बरस्त थी मेरी मुस्किलो की वो अक्स थी
मुझे याद हो तो वो सोच थी न याद हो तो गुमाह था।
मुझे बैठे बैठे गुमा हुआ गुमा नहीं था खुदा था वो
खुदा की जिसने जुबान दी मुझे दिल दिया मुझे जान दी
वो जुबान जिसे न चला सके वो दिल जिसे न मना सके वो जॉ जिसे न लगा सके।
10 Hindi Poem on Zindagi – काश ज़िंदगी एक किताब होती
काश,जिंदगी सचमुच किताब होती
पढ़ सकता मैं कि आगे क्या होगा?
क्या पाऊँगा मैं और क्या दिल खोयेगा?
कब थोड़ी खुशी मिलेगी, कब दिल रोयेगा?
काश जिदंगी सचमुच किताब होती,
फाड़ सकता मैं उन लम्हों को
जिन्होने मुझे रुलाया है..
जोड़ता कुछ पन्ने जिनकी यादों ने मुझे हँसाया है…
खोया और कितना पाया है?
हिसाब तो लगा पाता कितना
काश जिदंगी सचमुच किताब होती,
वक्त से आँखें चुराकर पीछे चला जाता..
टूटे सपनों को फिर से अरमानों से सजाता
कुछ पल के लिये मैं भी मुस्कुराता,
काश, जिदंगी सचमुच किताब होती।
11 Hindi Poem on Zindagi – जिंदगी
खुशियों की महक से है बनती जिंदगी,
सपनों की कलम से है लिखनी जिंदगी ।
कहना है तुझसे बस इतना जिंदगी ,
हर मोड़ पर, तू संभलना जिंदगी ।
जीत आसानी से मिले तो क्या जिंदगी ,
कभी-कभी दुख भी सहना जिंदगी ।
पर आखिर में तो है हँसना जिंदगी ,
कांटो के बीच है रहना जिंदगी ।
पर गुलाबों की तरह है महकना जिंदगी ।।
आखिर में है ये कहना जिंदगी ,
कि हर वक्त यूं जियो जिंदगी ।
कि अगले पल फिर मिले या ना मिले जिंदगी ।।